गोल-मोल सी इस दुनिया में,
चल अबकी लड़ाई करते हैं
बहुत हो चुका प्यार-मुहब्बत
हाथापाई करते हैं....
कड़वी बातें सारी मन की
बोल सके तो बोल मुझे
दबी आग मैं भी उगलूं
कटु शब्दों में तोल मुझे
कुछ ऐसा करके भी देखें
जैसा बलवाई करते हैं
बहुत हो चुका प्यार-मुहब्बत
हाथापाई करते हैं....
बगल छुरी, पीछे से खंजर
प्यार नहीं आसान यहां
सिसकी तेरी सुन कर आती
चेहरे पर मुस्कान यहां
जो ना दे, तो हक छीन के ले
चल ऐसे कमाई करते हैं,
बहुत हो चुका प्यार-मुहब्बत
हाथापाई करते हैं....
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